Tuesday 31 May 2022

तम्बाकू सेवन का दुष्प्रभाव : आजादी का अमृत महोत्सव

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न महापुरुषों की जयंतियाँ एवं दिवस मनाये जाने के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 31.05.2022  को गांधी महाविद्यालय, उरई में तम्बाकू निरोधक दिवस के अवसर पर ‘तम्बाकू सेवन का दुष्परिणाम विषय पर एक ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया.


गोष्ठी में हिन्दी शोधार्थी धर्मेन्द्र कुमार ने बच्चों को तम्बाकू सेवन के प्रति सचेत करते हुए बताया कि यह एक तरह का धीमा जहर है जो हमारे शरीर में धीरे-धीरे कैंसर को जन्म देता है. देश में कैंसर से होने वाली मौतों में से सबसे अधिक मौतें तम्बाकू सेवन के कारण हो रही हैं. तम्बाकू सेवन से आशय केवल चबाने वाले तम्बाकू उत्पाद से नहीं है बल्कि वे तमाम सारे उत्पाद जिनमें किसी भी रूप में तम्बाकू का उपयोग होता है, वे सभी हानिकारक हैं. आज स्थिति यह है कि कम आयु के बच्चे भी तम्बाकू सेवन में लिप्त देखे जा रहे हैं. सिगरेट पीना, पान मसाला का सेवन आज विद्यार्थी वर्ग के बीच स्टेटस सिम्बल की तरह से जगह बनाने लगा है. इन सबसे न केवल विद्यार्थियों को बचना है बल्कि सभी नागरिकों को इससे बचने की आवश्यकता है.


अमृत महोत्सव कार्यक्रम संयोजक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि तम्बाकू उत्पाद हों या फिर नशीले पदार्थ, कम आयु के बच्चे या विद्यार्थी इसे महज आकर्षण के कारण लेना शुरू कर देते हैं. धीरे-धीरे वे इसकी आदत का शिकार हो जाते हैं. यह एक तरह की बहानेबाजी होती है कि अब तम्बाकू सेवन आदत बन गई है, छूटेगी नहीं. आत्मविश्वास प्रबल हो तो सभी बुराइयों से दूर हुआ जा सकता है. आज सभी विद्यार्थी प्रण करें कि वे तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे और अपने-अपने घरों में उन सदस्यों से भी इसे छोड़ने को कहेंगे जो इसका सेवन करते होंगे.


गोष्ठी में संगीता, माला, सृष्टि, अभिषेक, बिपिन आदि सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे.







Saturday 28 May 2022

वीर सावरकर जयंती पर गोष्ठी : आजादी का अमृत महोत्सव

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न महापुरुषों की जयंतियाँ एवं दिवस मनाये जाने के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 28.05.2022  को गांधी महाविद्यालय, उरई में विनायक दामोदर सावरकर जयंती पर क्रांतिकारी आन्दोलन के विकास में वीर सावरकर का योगदान विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.


गोष्ठी में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मोनू कुमार मिश्रा और धर्मेन्द्र कुमार वर्मा ने वीर सावरकर के जीवन और उनके कार्यों पर प्रकाश डाला. डॉ. मोनू कुमार मिश्रा ने बताया कि किस तरह वीर सावरकर को दो बार काला पानी की सजा सुनाई गई. भारतीय क्रांति के इतिहास में यह एकमात्र उदाहरण है जहाँ किसी क्रांतिकारी को दो बार काला पानी की सजा सुनाई गई हो. एक बार वे और उनके भाई एकसाथ इस सजा को काट रहे थे मगर महीनों तक दोनों में से किसी को इसकी जानकारी नहीं हुई.


धर्मेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि काला पानी की कठिन सजा के दौरान वे टूटे नहीं और लगातार कोशिश करते रहे कि कैसे भी हो देश को आजादी मिले. वीर सावरकर के ही सुझाव पर हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे कि सफ़ेद पट्टी में अशोक चक्र बनाया गया है. ऐसे वीरों के बलिदानों के चलते हुई आज हम खुली हवा में साँस ले पा रहे हैं.


गोष्ठी में हिन्दी विभाग की डॉ. सुनीता गुप्ता, संस्कृत विभाग की डॉ. ममता अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे.

 








Thursday 26 May 2022

विश्व थायराइड दिवस पर ऑनलाइन गोष्ठी

25.05.2022

विश्व थायराइड दिवस

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उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न महापुरुषों की जयंतियाँ एवं दिवस मनाये जाने के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 25.05.2022  को गांधी महाविद्यालय, उरई में विश्व थायराइड दिवस पर एक गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया.


इस गोष्ठी में रक्षा अध्ययन विभाग की डॉ. ऋचा सिंह ने विस्तार से इस बीमारी के विभिन्न बिन्दुओं पर अपने विचार रखे. उन्होंने बताया कि किस तरह से हार्मोनल बदलाव के चलते इस बीमारी से व्यक्तियों को सामना करना पड़ता है. इस बीमारी का प्रभाव अब युवा वर्ग में भी दिखाई दे रहा है. इसका प्रमुख कारण बदलती जीवन-शैली है. इस बीमारी का एकमात्र इलाज चिकित्सक के परामर्श से ली जाने वाली दवाएं हैं.


हिंदी विभाग की डॉ. ऋचा पटैरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि इस बीमारी के कई साइड इफेक्ट हैं. इसलिए इस बीमारी का लगातार इलाज करते रहने की आवश्यकता है. समय-समय पर जाँच करवाते हुए अपने चिकित्सक से परामर्श करते हुए दवाएं लेते रहनी चाहिए.


प्राचार्य डॉ. राकेश नारायण द्विवेदी का कहना था कि इस तरह के आयोजन से सभी को समुचित जानकारी मिलती है. जो लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, वे अपना ध्यान रखें और अन्य लोग अपनी जीवन-शैली को इस तरह का बनायें जिससे वे इस बीमारी से बचे रहें.


ऑनलाइन गोष्ठी में डॉ. सुनीता गुप्ता, डॉ. ममता अग्रवाल, संयोजक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित मयंक, काजल, राहुल, सपना आदि कई विद्यार्थी उपस्थित रहे.











Saturday 21 May 2022

आतंकवाद निरोधक दिवस कर गोष्ठी का आयोजन

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न महापुरुषों की जयंतियाँ एवं दिवस मनाये जाने के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 21.05.2022  को गांधी महाविद्यालय, उरई में आतंकवाद निरोधक दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.


आजादी के अमृत महोत्सव के सम्बन्ध में शासन द्वारा दिनांक 05.04.2022 से लेकर दिनांक 29.08.2023 तक की कार्ययोजना निर्धारित की गई है. उसी कार्ययोजना के अनुरूप इस गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में महाविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ-साथ प्राचार्य डॉ. राकेश नारायण द्विवेदी, बूटा अध्यक्ष एवं भूगोल विभाग प्रभारी डॉ. देवेन्द्र नाथ, रक्षा अध्ययन विभाग प्रभारी डॉ. ऋचा सिंह राठौर, अर्थशास्त्र विभाग प्रभारी एवं एनसीसी अधिकारी डॉ. गोविन्द कुमार सुमन, लक्ष्मी प्रसाद दुबे और कार्यक्रम संयोजक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर उपस्थित रहे.


गोष्ठी में रक्षा अध्ययन विभाग की डॉ. ऋचा सिंह ने आतंकवाद को देश के लिए, मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सबको सजग रहने की आवश्यकता है. यदि हम नागरिक आपस में मतभेद बनाकर रहे तो निश्चित ही आतंकी हमारे बीच अपने भयानक मंसूबों को सफल कर ले जायेंगे.


भूगोल विभाग के डॉ. देवेन्द्र नाथ का कहना था कि आतंकवाद अनेक रूपों में हमारे बीच उपस्थित है. इससे किसी भी रूप में अकेले नहीं निपटा जा सकता है. जिस तेजी से तकनीक विकसित हो रही है, उसी तेजी से आतंकी भी खुद को अपडेट करते जा रहे हैं. ऐसे में हम सभी को आपसी वैमनष्यता मिटाकर आतंकवाद का सफाया करना है.


अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. गोविन्द कुमार सुमन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों का मकसद लोगों की हत्या करना हो, वे इंसान कहलाने योग्य कदापि नहीं. हमें भी समाज में ऐसे लोगों को चिन्हित करना होगा जो किसी न किसी रूप में हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं. यही लोग आगे चलकर आतंकवाद का बड़ा चेहरा बनकर सामने आते हैं.


महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राकेश नारायण द्विवेदी का कहना था कि एक हमारा देश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व वर्तमान में आतंकवाद का दंश झेल रहा है. इससे मिलजुल कर ही निपटा जा सकता है. जिस तरह के हालात बनते जा रहे हैं, उसके बाद तो आतंकियों की पहचान करना बहुत मुश्किल होती जा रही है. हम सबको सजग रहने की आवश्यकता है.


अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में हम सबको विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी प्रदान करने और जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ है. इसके लिए महाविद्यालय के सभी शिक्षक साथियों का सहयोग अपेक्षित है. यह आयोजन लम्बे समय तक चलने वाला है और इसके द्वारा विस्तीर्ण विषयों पर कार्यक्रम किये जाने हैं. हम सबका प्रयास यही रहे कि अधिक से अधिक लाभ हम प्राध्यापक साथियों को, विद्यार्थियों को प्राप्त हो सके.


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